दुबे सरवरिया ब्राह्मण
#पंडित #खुशयाल #दुबे सरवरिया ब्राह्मण , लखनऊ ।
शांडिल्य गोत्र ।
#कॉलिंजर #युद्ध #सेनापति , 1858
#उपाधि : #नायक
कॉलिंजर क़िले के ऊपर अंग्रेज़ो एवम पन्ना फौज़ के समालित आखिरी हमले में शहीद , 05 September 1858 । #पेशवानारायणभट्ट एवम #पेशवामाधवभट्ट के साथ #कर्वीचित्रकूटकॉलिंजरक़िले को फिरंगियों के चंगुल से मुक्त कराने की असीम कोशिश और इक्षाशक्ति में लगे और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया । कानपुर से बागी हुई 34 ब्राह्मण रेजिमेंट के सैनिक और तदुपरांत नानासाहेब पेशवा धौंदुपन्त की टुकड़ी के नायक । आखिरी समय मे पंडितजी , #पेशवा मधवभट्ट और 40 क्रांतिकारियो की टुकड़ी के साथ , कंधे से कंधा मिलाकर उत्तरी रॉघोबा प्रचीर पर लड़ते देखे गए । इस युद्ध मे करीब 3 हज़ार भारतीय क्रांतिकारी शहीद हुए । पंडितजी का परिवार आज भी अस्तित्व में है और हमारे साथ कॉलिंजर से 12 km दूर निवास करता है ।
कॉलिंजर युद्ध के नायक ( सेनापति ) को कॉलिंजर पेशवाओ की आखिरी शाखा की ओर से नमन वंदन ।।।
स्त्रोत : कॉलिंजर क़िला रिकार्ड्स ।
Kalinjar memories , Col Whitlock
1858 बुंदेलखंड रेवोल्ट्स
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