ब्राह्मण रत्न - गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन्
ब्राह्मण रत्न - गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन्
(22 Dec 1887 - 26 Apr 1920)
"The man who knew infinity"
एमोरी विश्वविद्यालय , जॉर्जिया (अमरिका), 2012 | गणितज्ञ केन ओनो ने अपने दो शिष्यों के साथ ब्लैक होल पे अध्ययन करने के लिए एक अनोखा सूत्र इज़ात किया जिसका आधार विश्व इतिहास के महानतम गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन् के मात्र एक पृष्ठ का अनुच्छेद(paragraph) था | उनके एक पृष्ठ का अनुच्छेद ही इतने जटिल सूत्र के लिए पर्याप्त था | बचपन से ही गणित में आपकी अत्यधिक रूचि थी और देवी माँ नामगिरी थायर का आशीर्वाद आपके ऊपर था | आपके घर के पास ही में सुप्रसिद्ध सारंगपाणि मंदिर था वहां श्री रामानुजन घर से चले जाते थे और कई बार तो कुछ दिन वहाँ बिताते और गणित का अध्ययन करते और जटिल अकथनीय समीकरण बनाते मिलते | इन ब्राह्मण-विप्र कि ख्याति इतनी हुई कि देश विदेशों के दौरे करके गणित की शिक्षा व सूत्र सिखाये | आपके दिए हुए सिद्धांत आज भी वैज्ञानिको द्वारा प्रयोग में लाये जा रहे हैं और ऐसे जटिल सूत्र और सिद्धांत हैं जिन्हे आज भी बड़े बड़े वैज्ञानिक समझने की कोशिश कर रहे हैं | आपके दिए हुए सिद्धांतो में से प्रमुख सुपरस्ट्रिंग सिद्धांत (superstring theory) , बहुआयामी भौतिकी(multidimensional physics) , सम्मिश्र विश्लेषण (complex analysis), संख्या सिद्धांत(Number Theory) , अनंत श्रृंखला (infinite series), वितत भिन्न(continued fraction) हैं |
हम आप ही की तरह निःस्वार्थ देश धर्म समाज की सेवा करेंगे और हमे गर्व है अपने लहू पे जिसमे आपके जैसी महान विभूतियों ने जन्म लिया |
"बल , बुद्धि , दिलेरी , पुरुषार्थ |
मान कर अपने ब्राह्मण रक्त पे कर सेवा निस्वार्थ||
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