ब्राह्मण रियासत दरभंगा ब्राह्मण महाराजा कामेश्वरसिंह शाण्डिल्य जी
ब्राह्मण रियासत दरभंगा
विषय: अपना खुद का हवाई जहाज का अड्डा ओर अपने 9 हवाई जहाज ।
एयरपोर्ट का नाम- दरभंगा विमानन
सार- ब्राह्मण महाराजा कामेश्वर सिंह ने अपने राज्य दरभंगा में एक एयरपोर्ट का निर्माण कराया था। ये एयरपोर्ट 200 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। ब्राह्मण महाराजा के पास 9 हवाई जहाजों का कलेक्शन था(कारों के कलेक्शन तो बहुत राजाओं के पास होते थे)।9 जहाजों में से 8 जहाज कार्गो ओर एक 🛫डकोटा🛬 नामक जहाज पर्सनल यात्रा के लिए,उस समय उनके राज्य में कई उद्योग विकसित थे। उद्योग में बने समान को लाने- लेजाने के लिए ओर खुद की यात्रा के लिए इस एयरपोर्ट का उपयोग करते थे। उन्होंने 2 जहाज (1 एयर-एम्बुलेंस ओर 1 कार्गो जहाज) अंग्रेजी सरकार को दान में भी दिए थे। एक जहाज हिंदुस्तान सरकार को दे दिया। ब्राह्मण महाराजा जी ने, अपना 🛫डकोटा🛬 जहाज सरकार को दान में दिया था और "प्रधानमंत्री- राष्ट्रपति" महोदय शरुवाती दौर में इसी जहाज से यात्रा करते थे। महाराजा जी के एक जहाज से उस समय बौद्ध धर्म के गुरु दलाई लामा जी को लहासा से निकालने के लिए दरभंगा हवाई अड्डा और दरभंगा एयरवेज और उसके चीफ पायलट लेसिस्टर की सेवा लेने पर उच्च स्तर पर विचार किया गया जो दरभंगा एयरवेज की प्रतिष्ठा और महाराजा के हवाई अड्डे के महत्व को दिखाने के लिए पर्याप्त होगा । ये बड़े गर्व की बात है। बाकि जहाज समय-समय पर दुर्घटना में नष्ट हो गए।वर्तमान में उन जहाजों में से एक जहाज किसी म्यूजियम में रखा हुआ बताया जाता है।1962 ई० में इसकी सेवा रोक दी गई और बाद में केंद्रीय सरकार ने ले लिया। दरभंगा हवाई अड्डा बिहार का सबसे लंबा रनवे हवाई अड्डा है और वर्तमान में भी संचालित है। वर्तमान में सरकार के द्वारा दरभंगा में एक नया हवाई अड्डा बनना निर्धारित हुआ है।ये सवारियों के लिए होगा। हम केंद्र सरकार और राज्य सरकार से मांग करते हैं कि दरभंगा के नये हवाई अड्डा का नामकरण ब्राह्मण महाराजा कामेश्वरसिंह के नाम पर रखा जाये।हवाई अड्डे का नामकरण, उनके नाम से करने पर,उनके द्वारा किये गए समाज और देश भलाई के कार्यो को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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