चापेकर बंधु (दामोदर चापेकर, बालकृष्ण चापेकर और वासुदेव चापेकर )
भारतीय इतिहास में यह अपने आप में पहली घटना थी जब #ब्राह्मण_परिवार के तीन सगे भाइयों ने चापेकर_बन्धु के रूप में
दामोदर_चापेकर,बालकृष्ण_चापेकर और
वासुदेव_चापेकर ने तिलक जी के प्रभाव में रहकर भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया ।
*बालकृष्ण तथा दामोदर चापेकर* ने जून, 1897 ई. में *महारानी विक्टोरिया* के *हीरक जयन्ती* समारोह के अवसर पर दो ब्रिटिश अधिकारियों रैण्ड और ले. एम्हर्स्ट की हत्या कर दी थी।
इस हत्याकाण्ड के बाद दोनों भाईयों को गिरफ़्तार कर फांसी दे दी गयी।
तीसरे भाई *वासुदेव चापेकर* ने गणेश शंकर द्रविड़ की हत्या कर दी, जिसने दामोदर और बालकृष्ण को गिरफ़्तार करवाया था।
वासुदेव चापेकर जी को 8 मई, 1899 ई. में गिरफ़्तार करके फांसी दी गयी।
सह्रदय कोटि-कोटि नमन है मृत्युंजयी चापेकर बंधुओं
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