रामभज दत
इन्होंने अकेले लगभग 5 लाख डोम और दूसरी जातियों के लोगों की शुद्धि करवाई!! और ये 1901 से 1910 के दौरान हुआ। आबादी के हिसाब से सोचिए,आज के करोड़ों लोग हुए!!
आर्यसमाज, स्वदेसी के पुरोधा और काँग्रेस की नींव रखने वाले देशभक्त,इनका जन्म 1866 में कंजरूर दत्ता नाम के गांव ,एक #ब्राह्मण_मोहयाल_परिवार में हुआ। सरला देवी,(रबिन्द्र नाथ टेगोर जी की भतीजी)
से इनका विवाह हुआ और अपनी मृत्यु तक ये देशसेवा करते रहे। लाखों हिन्दुओं को घर वापस ले कर आये और ईसाइयत/इस्लाम मे परिवर्तित हिन्दुओं को वापस घर ले कर आना,वो भी तब जब सबसे प्रतिकूल परिस्तिथियाँ हों, ऐसे महापुरुष को नमन!!! इनकी जायदाद भी अंग्रेजों ने जब्त कर ली पर देशप्रेम की अलख कम नही हुई!
अंत मे 1923 में इन्होंने देहत्याग दी!


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